4 म्हारा पापनै माफ करो, जंय्यां म्हें म्हारो बुरो करबाळानै माफ कर्या हा। अर म्हें बिचास्या नइ जावां इ बातऊँ बचाओ।”
थे जागता रेह्ओ अर अरदास करो जिऊँ थे बिचास्या नइ जाओ। आत्मा तो चावै ह पण आ काया माड़ी ह।”
याद राखो परबु थारा पापनै माफ कर्यो ह, इ ताँई एक दुसरा की सिकायत करबा की बजाय बिनै सेल्यो अर एक दुसरानै माफ करो।
इ ताँई ज थे बी थारा पाड़ोसी भाईड़ानै मनऊँ माफ कोनी करस्यो जणा मेरो परम-पिता जखो ईस्बर नगरी म रेह्वै ह बो बी थारै सागै बंय्यांई करसी।”
क्युं क जखो दया कोनी करै बिको न्याय बी बिना दया होसी। पण दया न्यायनै जीतै ह।
अर परबु मनै सगळी बुरी बाताऊँ बचासी अर बचार ईस्बर नगरी राज म लेज्यासी। बिकी मेमा जुग-जुग होती रेह्वै। अंय्यांई होवै!
पण परबु बिस्वास जोगो ह। बोई थानै ताकत देसी अर सेतानऊँ बचासी।
अर थे कदै बी अंय्यां कोनी बिचास्या गया। जखो मिनखा क सेह्बाऊँ बारनै हो। अर परमेसर तो बिस्वास जोगो ह बो थानै थारी सक्तिऊँ बेत्ती बिचासबा कोनी दे, पण जद थे बिचास्या जाओ हो जणा बो बिचासबा क सागै-सागै थानै बचाव ताँई उपाय बी बतावै ह।
म आ अरदास कोनी करूं क थे बानै इ धरतीऊँ उठाल्यो, पण म अरदास करूं हूँ थे बानै बुराईऊँ बचार राखो।
जणा बो बानै बोल्यो, “सोर्या क्याले हो खड़्या होर अरदास म लागज्याओ जिऊँ थे बिचास्या नइ जाओ।”
कांकरा प पड़बाळा बीज बे हीं जखा बचन सुणर बिनै राजी होर मानली। पण बाकै मना म बो गेराई कोनी पकड़ै बे थोड़ी देर ताँई बिस्वास करीं पण जद बानै बिचास्यो जावै जणा बे ओटा सरक ज्यावै।
क्युं क तू मेरा हुकमानै थ्यावस क सागै सक्यु सेण करतो होयो मान्यो ह। इ ताँई जद इ जगत का मिनखानै परखबा ताँई जखो कळेस आबाळो ह बि घड़ी म, म तनै बचास्युं।
जखा दुख तनै भोगणा ह बाऊँ मना डर। क्युं क सेतान थारै मऊँ कयानै बिचासबा ताँई काळ-कोठड़ी म गेरसी अर थानै बठै दस दिना ताँई सताव भोगणो पड़सी। पण तू बिस्वास जोगो रेह्जे चाए तनै मोतई क्युं नइ आज्यावै। जणा म तनै तेरी जीत क रूप म अजर-अमर जीवन को मुकट देस्युँ।
अर ईसु आपका चेलाऊँ बोल्यो, “मानल्यो थारै मऊँ कोईसा क एक भाईलो होवै, अर बिकन आदी रातनै जार बिनै बोलै, ‘ओ भाईला मनै तीन रोट्या दे।
अर थे काँई समजो हो, की जद सिलोह को गुम्मट गिरै हो, बि टेम का बिकै निचै दबर मरबाळा अठारा जणा दुसरा यरूसलेम म रेह्बाळा जिंदा मिनखाऊँ घणा पापी हा के?