18 अंय्यांई ज सेतान का राज म फूट पड़ज्या जणा बिको राज कंय्यां बण्यो रेह्सी? क्युं क थे मेरै बारां म बोलो हो क म ओपरी बलाया का सरदार बालजबुल की सक्तिऊँ बलायानै भगाऊँ।
अर ज सेतान सेतान कोई बेरी होबा लाग्यो जणा बिको राज कंय्यां बण्यो रेह्सी?
पण बामैऊँ क्युंक बोल्या, “ओ तो भूता का नाथ बालजबुल की सक्तिऊँ आनै काडै ह।”
जणा ईसु बिनै बोल्यो, “हे सेतान दूर भागज्या!” पबितर सास्तर म मांडेड़ो ह: “तू परबु परमेसर किई भगती करजे अर बिकिई सेवा करजे।”
सगळा सिरीया देस म बिकी चरचा फेलगी अर लोग सगळा रोगलानै जखा भात-भात का रोगाऊँ रोगला हा, जखा पिड़ा म पड़्या हा, फेंट होईड़ा, जामै दोरा आता हा अर हवा भेयड़ा मिनखानै बिकन ल्याया अर बो बा सगळानै निरोगो कर दिओ।
इ ताँई चेलानै गरूजी क बराबर होबा म अर दासनै मालिक क बराबर होबा मई सबर राखबो चाए। अर जद बे मिनख घर का मालिकनैई बालजबुल खेवै ह जणा बिका घर का मिनखा क सागै तो ओर बी बुरो सलुक करसी!