15 पण बामैऊँ क्युंक बोल्या, “ओ तो भूता का नाथ बालजबुल की सक्तिऊँ आनै काडै ह।”
पण बठै खड़्या फरिसी खेबा लाग्या, “क ओ भूता का नाथ की सक्तिऊँ ओपरी बलायानै काडै ह।”
बोळा हा जखा अंय्यां बोलर्या हा, “इमै कोई भूत-पलीत रळेड़ो ह! ओ बावळो ह! थे इकी क्याले सुणो हो?”
बे बिऊँ बोल्या, “इब तो पुक्ता होगो तेरै म ओपरी बलाय ह। अब्राहम अर परमेसर की खेबाळा मरग्या अर तू बोलै ह क, ‘जखो बी मेरी सीखनै मानसी बो कदैई कोनी मरै।’
बे ईसुऊँ बुज्या, “के म्हें सच कोनी बोलर्या क, तू एक सामरी ह अर तेरै मांयनै ओपरी बलाय ह?”
भीड़ मऊँ उवाज आई, “तेरै म तो भूत-पलीत रळर्यो ह! तनै मारबा की फिराक म कूण ह?”
इ ताँई चेलानै गरूजी क बराबर होबा म अर दासनै मालिक क बराबर होबा मई सबर राखबो चाए। अर जद बे मिनख घर का मालिकनैई बालजबुल खेवै ह जणा बिका घर का मिनखा क सागै तो ओर बी बुरो सलुक करसी!
सगळा सिरीया देस म बिकी चरचा फेलगी अर लोग सगळा रोगलानै जखा भात-भात का रोगाऊँ रोगला हा, जखा पिड़ा म पड़्या हा, फेंट होईड़ा, जामै दोरा आता हा अर हवा भेयड़ा मिनखानै बिकन ल्याया अर बो बा सगळानै निरोगो कर दिओ।
लोग ईसु कनै एक मिनखनै ल्याया जिमै फेंट होईड़ी ही जिकी बजेऊँ बो आँदो अर गुँगो हो अर ईसु बिनै निरोगो कर दिओ जिकी बजेऊँ बो देखबा अर बोलबा लागगो।