9 अर बि बठै का रोगलानै निरोगो कर बानै बोलो परमेसर को राज सांकड़ोई ह।
अर आ खेर परचार कर्यो क, “थे थारा पापऊँ तौबा करो! क्युं क ईस्बर नगरी को राज सांकड़ै ह।”
ईसु बोल्यो, “म थारूँ सची-सची बोलुँ हूँ, पबितर आत्मा अर पाणीऊँ जलम्या बिना कोईबी मिनख परमेसर का राज म कोनी बड़ सकै।
‘थारी नगरी की धूळ जखी म्हारै पगा क लागरी ह, बा म्हें थानै चेताबा ताँई थारै सामैई झाड़ां हां। पण कान खोलर सुणल्यो परमेसर को राज सांकड़ैई आग्यो ह।’
अर बिना रोक-टोक बेधड़क होर परमेसर का राज को परचार करतो अर परबु ईसु मसी की बाता सीखातो हो।
इकै पाछै बो बानै परमेसर का राज को हेलो पाड़बा अर रोगलानै निरोगो करबा को अधिकार देर बारनै भेज्या।
थानै ओ जाणबो चाए की परमेसर को छुटकारो गैर-यहूदि मिनखा क कनै भेज्यो गयो ह। बे इ छुटकारा का समचारनै सुणसी।”
ईसु जुबाब दिओ, “म तेरूँ सची बोलुँ हूँ जद ताँई कोई मिनख ओज्यु नइ जलमै जद ताँई बो परमेसर का राजनै कोनी देख सकै।”
अर बे घणीसारी ओपरी बलाय निकाळी अर घणासारा रोगलानै जेतून का तेलऊँ अभिसेक कर निरोगा कर्या।
ईसु ओज्यु बोल्यो, “आपा परमेसर का राजनै किऊँ परगट कर सकां हां, अर बिनै किकी मिसाल देर समजा सकां हां?
जद ईसु कफरनूम म हा बि टेमई परचार करबो चालू कर्यो, “थे पापऊँ तौबा करो! क्युं क ईस्बर नगरी को राज सांकड़ै ह।”
अर जि नगरी म थारी आवभगत कोनी होवै। जणा बठै का गळिआरा म जार बोलो,