7 अर जोक्यु बे थानै दे, बिनै खा-पीर बठैई रेहज्यो, क्युं क ध्यानग्यानै ध्यानगी को हक ह। अर बासो लेबा ताँई घर-घर मना भटकज्यो।
मेनत करबाळा किसाननै सऊँ पेली धरती को फळ मिलणो चाए।
जखा बचन की सीख सीखै ह, बिनै चाए क जखी चोखी चिजा बिकन ह, बो बानै आपका सीखाबाळा क सागै बांटै।
थानै जि घर म आदरमानऊँ बुलायो जावै, जणा थे बि घर मई रेहज्यो जद ताँई की थे बा नगरी नइ छोड द्यो।
जिकै बी घरा थे जाओ बठैई बासो लेता रिह्यो जद ताँई थे बि नगरी म रेह्ओ।
अर बे घर-घर हांडर खुदको टेम बरबाद करबो सीखीं हीं, अर इऊँ बी भत्तर बे फाँप मारबो अर दुसरा का काम म टांग अड़ाबो सीखीं हीं, अर जखी बाता क बारां म बात नइ करनी चाए, बाकै बारां म बतळावीं हीं।
जणा बो बानै आपकै घरा लेज्यार जिमायो अर आपका पूरा कूणबा सेत्युं परमेसर प बिस्वास कर खुसी मनाई।
अर आपका टाबर-टिकरा सेत्युं बतिस्मो लेबा क पाछै बा म्हारूँ बोली, “ज थे मनै परबु की सची बिस्वासण मानो हो जणा चालर मेरै घरा रेह्ओ ,” अर बा म्हानै मनार लेगी।
जणा बे बठैऊँ छुटबा क पाछै सिदा लुदिआ क घरा गया अर बिस्वासी भाईड़ाऊँ मिल-मिलार बानै हिमत बंधार बठैऊँ चलेगा।
थारा आसिरबाद जोगो ज कोई बि घर म होसीक जणा थारो आसिरबाद बिकै लागसी नहिस बो पाछो थारै कनै आज्यासी।