24 क्युं क म थानै बताऊँ हूँ, थे जखो देखो हो बानै बोळा परमेसर की खेबाळा अर राजा देखबो चावै हा। पण बे देख कोनी सक्या अर जखो थे सुणो हो बा बे कोनी सुण सक्या।”
अ सगळा बिस्वास क सागैई मर्या। अर आ मिनखानै बे चिजा कोनी मिली जाको बादो कर्यो गयो हो पण अ बानै दूरऊँ देखर राजी होया। अर बे मान लिआ क बे इ जगत म अणजाण अर परदेसी ह।
थारो बाप अब्राहम, मेरा आबा का दिननै देखबा ताँई राजी होयो। बो देख्यो, अर राजी होयो।”
आकै बिस्वास करबा की बजेऊँई आ सगळा की बडाई करी गई, जणाबी आमैऊँ कोईसानै बी बादो करेड़ी चिज कोनी मिली।
“पण थे भागहाळा हो, क्युं क थे देखो अर समजो हो।
जणा पाछै ईसु चेला कानि मुड़र छानैसीक बोल्यो, “थे बडा भागहाळा हो जखो थानै अ बाता देखबा को सोभाग मिल्यो।
एक दिन सास्तरानै सीखाबाळो बठै आर ईसुनै फसाबा ताँई बिऊँ बुज्यो, “गरूजी, अजर-अमर जीवन पाबा ताँई म काँई करूं?”