75 अर सगळी उमर आपा रोजकी बिकै सामै पबितर अर धरमी रेह्वां।
अर नएड़ा सुभावनै पेरल्यो जखो सची धारमिक्ता अर पबितरता म परमेसर की जंय्यां ओज्यु नयो करेड़ो ह।
आपा परमेसर की बणाएड़ी रचना हां अर मसी ईसुऊँ भला काम करबा ताँई आपानै रच्यो गयो ह, जानै परमेसर पेल्याऊँई आपणा ताँई त्यार कर्यो ह।
बो आपानै परमेसर का मिनख होबा ताँई बचायो अर बुलायो ह, ओ सोभाग आपणा प आपणा करमा गेल कोनी होयो ह पण ओ तो बिकी दया अर बिका मकसद गेल आपणा प होयो ह। जखो मसी ईसु म जगत की सरूआतऊँ पेली आपणा प होगो हो।
क्युं क परमेसर आपानै सूगलो नइ पण पबितर जीवन जीबा ताँई बुलायो ह।
पण परबु का लाडला बिस्वास्यो, थारै ताँई म्हानै सदाई परमेसर को धनेवाद करतो रेह्णो ह, क्युं क परमेसर खुदकी पबितर आत्मा की सक्तिऊँ थानै बचार बिका पबितर मिनख होबा अर छुटकारा का पेला फळ होबा ताँई पेल्याऊँ टाळ लिओ ह, क्युं क थे सच प बिस्वास कर्यो ह।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, म्हें थारूँ ईसु मसी का नामऊँ आ अरदास करां अर थानै समजावां हां क जंय्यां थे म्हारूँ परमेसरनै राजी करबाळो जीवन जिबो सीख्यो, अर बंय्यांई जीओ बी हो। जणा म्हें चावां हां क, थे बिमै ओर बी बेत्ती बढता जाओ।
बा एक बेटो जलमसी जखो आपका मिनखानै बाका पापऊँ बचासी। तू बिको नाम ईसु राखजे, जिको मतबल ह! परबु आपका मिनखानै बचावै।”
क पक्काई म्हारो छुटकारो म्हारा दुस्मनाऊँ होसी। अर परबु की सेवा करबा ताँई म्हानै कोई डर नइ होवै,