66 अर जत्ता बी बठै हा बाकै रेह-रेह ओई बिचार होवै हो क, “ओ टाबरियो ह जखो काँई बणसी?” इको कारण ओ ह क इकै सीर प परबु को हात ह।
परबु को हात बा प हो, जिकी बजेऊँ घणासारा मिनख बिस्वास कर ईसु क कानि मुड़्या।
अर इकै पाछै बो बाकै सागै पाछो नासरत आगो अर बाकै कह्या म चालतो हो। बिकी माँ आ सगळी बातानै आपका हिया म धर राखी ही।
पण मरीयम बा सगळी बातानै आपका हिया म राखर बिचार्या करती ही।
“थे इ बात प कान लगाओ क मिनख को बेटो मिनखा क हाता म सूप्यो जासी।”
अर बो टाबरियो होळ्या-होळ्या सागेड़ो मोट्यार होगो अर बुदी म बढतो गयो अर बिपै परमेसर की दया ही।
अंय्यां बो टाबरियो होळ्या-होळ्या सागेड़ो मोट्यार होगो अर आत्मा म बी बढगो, अर इजरायली लोगा क सामै आबा क दिन ताँई बो उजाड़ मई रिह्यो।
अंय्यां बि आस करेड़ी चिज की बजेऊँ होयो ह जखी थारै ताँई ईस्बर नगरी म धरेड़ी ह। अर जिकै बारां म थे पेल्याऊँई चोखा समचार जखो सचो ह बिमै सुण लिआ हो।