37 क्युं क परमेसर ताँई क्युंई अणहोतो कोनी।”
ईसु बाकै कानि देखर बोल्यो, “आ मिनखाऊँ अणहोती बात ह, पण परमेसर सक्यु कर सकै ह।”
जणा बो बोल्यो, “जखो मिनखा क बसको कोनी बिनै परमेसर कर सकै ह।”
बो सगळी चिजानै आपकै बस म करबाळी खुदकी सक्तिऊँ आपणी माड़ी अर नसबर कायानै बदलर खुदकी मेमाभरी काया जंय्यां की कर देसी।
सुण तेरी रिस्तेदार इलिसीबानै सगळा बांझड़ी-बांझड़ी बोलता हा, अर आज बा बूडापा म आसऊँ ह अर बिनै ओ छठो म्हेनो लागर्यो ह।
अर मरीयम बोली, “म परबु की दासी हूँ, थारै खया गेल मेरै सागै होवै।” अर ईस्बर नगरी दुत बिकनऊँ चलेगो।