28 ईस्बर नगरी दुत बिकन आर बोल्यो, “राजी रेह, थार प परबु की म्हेर होई ह अर बे थारै सागै ह।”
जणा ईस्बर नगरी दुत बिऊँ खयो, “मरीयम डरै मना परमेसर की दया तेरै प होरी ह।
परमेसर की मेमाभरी दया ताँई बिकी जे-जैकार होवै, जखी बिका लाडला बेटा म आपानै सितमित म मिली ह!
क्युं क म तेरै सागै हूँ, कोई तेरो बाळई बाको कोनी कर सकै। अर इ नगरी का बोळा मिनख मेरा बणसी।”
अर जोरऊँ बोली, “तू धरती की सगळी लूगाया म भागहाळी ह अर तेरै पेट को टाबर बी भागहाळो ह।
ईसु बिकी इ बातनै सुणर बिनै बोल्या, “कूण मेरी माँ ह अर कूण मेरो भाई ह?”
आ बचनाऊँ बा घबरागी अर बा सोचबा लागी अंय्यां बोलबा को इको काँई मतबल ह।