जद जकरयाह की घरहाळीनै छठो म्हेनो लागर्यो हो। जणा परमेसर जिबराइल ईस्बर नगरी दुतनै गलिल देस का नासरत नगर म एक मरीयम नाम की छोरी क कनै भेज्यो। बा हाल कुंआरी ही। बिकी सगाई दाऊद क कूणबा का युसूफ नाम का एक मिनखऊँ होईड़ी ही।
देख तू ह जखो मेरी बातानै साची तो मानी कोनी मेरा बोलेड़ा बचन तो आपका टेम म पूरा होसीई पण मेरी बाता प बिस्वास कोनी करबा की बजेऊँ आ बाता का घटबाळा दिन ताँई तू गुँगो रेह्सी।”