10 धूप जळाबा क टेम सगळा मिनखा की टोळी भेळी होर बारनै अरदास कर'री ही।
बिकै पाछै एक ओर ईस्बर नगरी दुत सोना को धूपदान लेर आयो अर बेदी कनै खड़्यो होगो। बिनै परमेसर का मिनखा की अरदास क सागै सोना की बेदी प जखो सिंघासन क सामै ही, चढाबा ताँई बोळीसारकी धूप दि गई ही।
क्युं क मसी बि पबितर झघा म कोनी गयो जखी हातऊँ बणाएड़ी अर असली परमेसर का पबितर तम्मू की नकल ह पण बो तो ईस्बर नगरी मई गयो, जिऊँ क बो आपणै कानिऊँ परमेसर क सामै बिचोली करै।
इ ताँई परमेसर को बेटो ईसु मसी अंय्यां को म्हान म्हायाजक ह जखो ईस्बर नगरी गयो। जणा आओ आपा बा बाता म मजबूत रेह्वां जानै आपा मानी ह।