5 जद ताँई म इ जगत म हूँ, म इ जगत का मिनखा को च्यानणो हूँ।”
ईसु ओज्यु बोल्यो, “म इ जगत का मिनखा को च्यानणो हूँ। जखो बी मेरै गेल चालसी बो सचो जीवन जिसी, अर बो कदैई पाप का गेला प कोनी जावै।”
म जगत म च्यानणा की जंय्यां आयो, जिऊँ मेर प बिस्वास करबाळा अँधेरा म नइ पड़्या रेह्वै।
क्युं क अ आदेस म्हानै परबु दिओ ह। बो बोलै ह, ‘दुसरा देसा ताँई म थानै च्यानणो बणायो हूँ। जिऊँ ओ होवै की थारै जरिए मुक्ति को ओ संदेसो धरती का सगळा मिनखा म फेल जावै।’”
क्युं क जखो सक्यानै परगट करै ह बो उजाळोई ह। इ ताँई अंय्यां खेयड़ो ह, “ओ सोबाळा, जागज्या अर मरेड़ा मऊँ जी उठ; अर मसी को उजाळो तेरै प भळकसी”
जिऊँ तू बाकी आँख्या खोलै अर बानै अँधेराऊँ च्यानणा म अर सेतान की सक्तिऊँ परमेसर कानि ल्यावै, अर मेर प बिस्वास करबाऊँ बानै पापऊँ माफी मिलसी अर जखी बापोत मेरा टाळेड़ा मिनखा ताँई ह बिमै बाको बी हिस्सो होसी।’
नगरीनै सूरज अर चाँद की जुर्त कोनी ही क्युं क बा परमेसर की मेमा का च्यानणाऊँ चमकरी ही अर उन्यो नगरी को दिओ हो।
जखा अँधेरा म बेठ्या हा, बे च्यानणो देख्या; अर जखा मोत का काळ म हा बाकै उपर बी च्यानणो चमक्यो।”
की मसी बोळा दुख भोगसी, मरसी अर बोई सऊँ पेली मरेड़ा म जिंदो होसी जिऊँ यहूदि अर गैर-यहूदि मिनखा म च्यानणा को हेलो पाड़ै।”
ओ बा गैर-यहूदि मिनखा ताँई थारो गेलो दिखाबाळो उजाळो अर थारा इजरायल का मिनखा ताँई मेमा ह।”
थे जगत का मिनखा ताँई च्यानणा हो। अर जखी नगरी डूँगर प ह बा कोनी लुख सकै।