10 बे बिऊँ बुज्या, “तनै इब कंय्यां दिखबा लाग्यो?”
पण कोई बुज सकै ह, “मरेड़ा कंय्यां जीवाया जा सकै ह? अर बानै कंय्यां की काया मिलसी?”
जणा बे बिऊँ बुज्या, “बो तेरै सागै काँई कर्यो? कंय्यांसिक बो तनै आँख्या दि?”
पण म्हें कोनी जाणा इब ओ कंय्यां देखबा लाग्यो अर नइ म्हें आ जाणा क इनै कूण आँख्या दि। इब ओ टाबर तो आथ कोनी। ओ खुदई जुबाब दे सकै ह।”
जणा फरिसी बी बि मिनखनै बुज्या, “तनै दिखबा कंय्यां लाग्यो?” बो बाऊँ बोल्यो, “बो क्युंक आली माटी मेरी आँख्या प मसळी, म धोई अर इब म देख सकूँ हूँ।”
निकेदेमुस बोल्यो, “ओ कंय्यां हो सकै ह?”
अर बो तो रातनै सोतो अर दिन म जागतो। अर कद बा बीजा म कुपळ आई अर कद बे बढ्या बिनै तो कोई बात की खबरई कोनी पड़ी।
अ बाता होबा क क्युंक दिना पाछै, ईसु गलिल झिल जिनै तिबरिआस बी खेवै ह, क परली पार चलेगो।
क्युंक बोलर्या हा, “ओ बोई ह।” पण दुसरा बोलर्या हा, “नइ ओ बिकी जंय्यां को लागै ह, पण बो कोनी।” जणा बो मिनख खुद बोल्यो, “म बोई हूँ।”
बो मिनख बोल्यो, “एक मिनख जिनै ईसु बोलीं हीं। बो माटी लेर बिनै सणी, अर मेरी आँख्या प मसळ दि अर मेरूँ बोल्यो, ‘जार सिलोह कूंड म धोले।’ जणा म जार धोयो अर मनै सुजबा लाग्यो।”