7 पण जद बे रटोई लगा लिआ, जणा बो सिदो खड़्यो होर बाऊँ बोल्यो, “थारै मऊँ जखो दुद को धुलेड़ो ह बोई इकै पेलो भाठो मारै।”
थारो बोल मिठो अर मननै चोखो लागबाळो होणो चाए जिऊँ थे जाणल्यो की कूणसा आदमीनै कंय्यां को जुबाब देणो चाए।
इ ताँई तौबा करो, नहिस म आर बाकै सागै मुंडा की तलवारऊँ लड़स्युं।
पाप्यानै मारबा ताँई बिकै मुंडाऊँ एक पेनी तलवार बारनै निकळरी ही। “बो लौ का लठ का जोर प बापै राज करसी।” सऊँ सक्तिसाली परमेसर, जखो बाका पाप की बजेऊँ बुर्यां झाळ्या भर्यो ह बि ताँई बो बानै अंय्यां पिससी जंय्यां अँगूरानै रसकूंड म पिस्योज्यावै ह।
अर बो आपका दाया हात म सात तारा ले राख्या हा। बिका मुंडाऊँ दोधारी तलवार बारनै निकळरी ही। अर बिकी सकल दोपारी का भळकता सूरज की जंय्यां ही।
मनदर का पेरेदार बोल्या, “बि जंय्यां की बाता आज ताँई कोई कोनी करी!”
जणा पाछै बो ओज्यु उकड़ू बेठर जमीन प मांड्यो।
बो सिदो खड़्यो होर बिऊँ बुज्यो, “बे कठै हीं? के तनै सजा देबाळो कोई कोनी बच्यो?”