51 म थारूँ सची बोलुँ हूँ, जखो बी मेरी सीखनै मानसी बो कदैई कोनी मरसी।”
“म थारूँ सची बोलुँ हूँ, जखा मेरी सुणर मनै भेजबाळा प बिस्वास करीं हीं, अजर-अमर जीवन बाको ह अर बो मिनख सजाऊँ बचज्यासी। बो मोतऊँ पार होर जीवन म बड़गो ह।
जोक्यु बी म थानै बोल्यो हूँ बिनै ध्यान म राखज्यो, ‘दास आपका मालिकऊँ बडो कोनी होवै।’ ज मिनख मनै दिन घाल सकै ह, जणा थानै बी दिन घालसी, अर ज बे मेरी सुणै जणा थारी बी सुणसी।
पण आ बा रोटी ह जखी परमेसर ईस्बर नगरीऊँ उतारी, जखो बी इ रोटी मऊँ खासी बो कोनी मरसी।
अर पबितर आत्मा बिनै आ बता राखी ही क परबु का भेजेड़ा मसीनै देख्या बिना तनै मोत कोनी आवै।
बिस्वासऊँ हनोक उपर उठा लिओ गयो जिऊँ बो मोत कोनी भोगी, अर बिको बेरोई कोनी चाल्यो क बो कठै गयो, क्युं क परमेसर बिनै उठा लिओ अर बिकै उठाया जाबाऊँ पेलीई बिकी बडाई करी क बो परमेसरनै राजी कर्यो हो।
थे बिनै कोनी जाण्या, पण म बिनै जाणू हूँ। अर ज म बोलतो क म बिनै कोनी जाणू, जणा म बी थारी जंय्यांई झूठो होतो। पण म बिनै जाणू हूँ, अर बिका खयानै मानू हूँ।
ईसु ओज्यु बोल्यो, “म इ जगत का मिनखा को च्यानणो हूँ। जखो बी मेरै गेल चालसी बो सचो जीवन जिसी, अर बो कदैई पाप का गेला प कोनी जावै।”
ईसु बाऊँ बोल्यो, “म थानै सची खेऊँ हूँ अठै खड़्या मिनखा मऊँ कई तो अंय्यां का हीं क बे जद ताँई मिनख का बेटानै बिका राज म आतो नइ देखलीं जद ताँई बे कोनी मरै।”
बे बिऊँ बोल्या, “इब तो पुक्ता होगो तेरै म ओपरी बलाय ह। अब्राहम अर परमेसर की खेबाळा मरग्या अर तू बोलै ह क, ‘जखो बी मेरी सीखनै मानसी बो कदैई कोनी मरै।’
ईसु बिऊँ बोल्यो, “जखा मेरूँ परेम करी हीं, बे मेरा खयानै मानसी। परम-पिता बाऊँ परेम करसी अर म्हें आर बाकै सागै रेहस्यां।
इ जगत का मिनखा मऊँ जखा मिनख थे मनै दिआ, बानै म थारा नाम की सक्ति को ज्ञान करवायो। बे सगळा थाराई मिनख हा। थे बानै मनै दिआ अर बे तेरा खयानै मान्या।
पण आपा ईसुनै जखो ईस्बर नगरी दुताऊँ चिनोसोई कम बणायो गयो हो, इब बिनै मेमा अर मान को मुकट पेर्या देखां हां, क्युं क बो मोत की पिड़ा भोगी ह। जिऊँ क बो परमेसर की दयाऊँ सगळा मिनखा ताँई मोत भोगै।