53 जणा बे सगळा आप-आपकै घरा चलेगा।
जणा बे बिनै जुबाब म बोल्या, “के तू बी तो गलिल को कोनी ह? सास्तरनै बाचर बेरो पाड़, परमेसर की खेबाळो गलिल म तो पैदा होबाऊँ रिह्यो।”
पण ईसु जेतून डूँगरी प गयो।
जणा बाऊँ बिदा होर म्हें तो पाणी का झाज प चढगा अर बे आप-आप क घरा चलेगा।