अर इब म खुद जिंदो कोनी हूँ, पण मसी मेरै म जीवै ह। अर ज म काया म जिंदो हूँ तो बस बि बिस्वासऊँ जिंदो हूँ जखो परमेसर का बेटा प ह, जखो मेरूँ परेम कर्यो अर मेरै ताँई खुदनै दे दिओ।
ओ परम-पिताजी, म चाऊँ हूँ क बा सगळा म एको होवै, ठिक बंय्यांई जंय्यां म थारै म ओर थे मेर म हो। बे बी आपणा म एक होवीं जिऊँ क इ जगत का मिनख बिस्वास करै क थे मनै भेज्या हो।
बो कमजोरी म हो जणा बो सुळी प मर्यो, पण बो परमेसर की सक्तिऊँ जिंदो ह। अर म्हें बी बिमै तो कमजोर हां पण परमेसर की सक्ति की बजेऊँ बिकै सागै जीवां हां जिऊँ थानै सुदार सकां।