11 जणा ईसु रोटी ली अर परमेसरनै धनेवाद देर जखा बेठ्या हा बा मिनखा म जत्ती बे चावा हा बाट दि। अर अंय्यांई बो मछी ली अर धनेवाद देर बाट दि।
जणा तिबरिआस नगरीऊँ क्युंक न्यावा बि झघा आई, जठै परबु क धनेवाद देबा क पाछै मिनख रोटी खाई ही।
हर हाल म परमेसरनै धनेवाद देता रेह्ओ, क्युं क थारै ताँई मसी ईसु म परमेसर की आई इंछ्या ह।
जखो मिनख कोई दिननै खास दिन मानै ह बो अंय्यां परबुनै आदर देबा ताँई करै ह। अर जखो सक्यु खावै ह बो बी परबुनै मान देबा ताँई खावै ह, क्युं क बे रोटी ताँई परमेसरनै धनेवाद देवीं हीं। जखा क्युंक चिजा कोनी खावीं बे बी अंय्यां परबुनै मान देबा ताँई करीं हीं। अर परमेसरनै धनेवाद देवीं हीं।
अर बा सात रोट्या अर मछ्यानै लेर परमेसर को धनेवाद कर्यो। अर बानै तोड़-तो'ड़र चेलानै देतो गयो अर चेला लोगानै परोसता गया।
अर जद रोटी खाबा बो बाकै सागै चोकी प बेठ्यो जणा रोटी उठार परमेसर को धनेवाद कर्यो अर रोटी तोड़र बानै दिनी।
इ ताँई थे चाए खायो, चाए पीयो, सक्यु परमेसर की मेमा ताँई करो।
आ खेर पोलुस रोटी ली अर सगळा क सामै परमेसर को धनेवाद देर बिका टुकड़ा कर खाबा लाग्यो।
“अठै एक छोरो ह जिकै कनै जौवां की पाच रोट्या अर दो मछी ह। पण अत्ता मिनखा म अ कठै लागै?”
किनारा प आताई बानै सिलगता कोयला की आग दिखी जापै मछी सिकरी ही अर रोटी बी पड़ी ही।
ईसु बाऊँ बोल्यो, “जखी मछ्या थे इबी पकड़ी ह बामैऊँ क्युंक लिआओ।”
जणा ईसु खड़्या होया अर रोट्या लेर बानै परूसी अर अंय्यांई मछ्या बी।