7 अत्ता मई एक सामरी लूगाई बठै पाणी भरबानै आई, जणा ईसु बिनै बोल्यो, “मनै पाणी प्या।”
अर म थानै सची खेऊँ हूँ ज कोई आ छोटा मऊँ एकनै बी मेरो चेलो जा'णर एक गिलास पाणी प्यावै, बिनै बिको फळ मिलसी।”
ईसु जुबाब म बोल्यो, “ज तू परमेसर का बरदाननै जाणती अर आबी क, ‘जखो तेरूँ पीबा ताँई पाणी माँगर्यो ह बो कूण ह, जणा तू बिऊँ माँगती अर बो तनै जीवन देबाळो पाणी देतो।’”
इकै पाछै ईसु जाणग्यो क सक्यु पूरो होलिओ ह, जणा सास्तर का आंक सच होवै इ ताँई बो बोल्यो, “म तिसायो हूँ।”
अर बडका याकूब को कुओ बी बठैई हो, जणा सफर की थकान क चलतै ईसु कुआ क कनै बेठगो। आ करीब दोपारा की सी बात ही।
बि टेम बिकाळा चेला खाबा ताँई क्यु मोल ल्याबानै नगरी म गयड़ा हा।