34 ईसु बाऊँ बोल्यो, “मेरी रोटी आ ह क, म मेरा भेजबाळा की इंछ्या मानू अर बिको काम पूरो करूं।
क्युं क म मेरी इंछ्या नइ पण मनै भेजबाळा की इंछ्यानै पूरी करबा ताँई ईस्बर नगरीऊँ धरती प उतर्यो हूँ।
म खुदऊँ क्युंई कोनी कर सकूँ। जंय्यां म सुणू हूँ, बंय्यांई न्याय करूं हूँ। मेरो न्याय सचो ह, क्युं क म मेरी कोनी पण मनै भेजबाळा की मन की चाऊँ हूँ।
जोक्यु थे मनै करबा ताँई इ धरती प सूप्या हा, बे सगळा काम कर म थारी मेमा करी ह।
ईसु बा खाटी अँगूरी चांखबा क पाछै बोल्यो, “पूरो होयो।” जणा बे आपकी नाड़ गेर दि अर पिराण तज दिआ।
इकै पाछै ईसु बठैऊँ चिनोसोक दूर जार धरती प मोदो पसर अरदास करबा लाग्यो, “मेरा परम-पिता ज आ हो सकै तो मनै इ पिड़ा म मना गेरो पण म चाऊँ जंय्यां नइ पण थे चाओ बंय्यांई होवै।”
“पण मेरै कनै एक ओर गुवा ह, जिकी गुवाई यहून्ना की गुवाईऊँ बढर ह। क्युं क परम-पिता जखो काम मनै करबा ताँई सूप्यो ह, जखा काम म करूं हूँ। बेई मेरै बारां म गुवाई देवीं ही क, परम-पिता मनै भेज्यो ह।
पण ईसु जुबाब दिओ, “मेरै कनै खाबा ताँई अंय्यां को खाणो ह, जिकै बारां म थे कोनी जाणो।”
क्युं क मिनख को बेटो गुमेड़ानै ढुंढबा अर बानै बचाबाई धरती प आयो ह।”
आओ ल्यो आपा आपणी आँख्या ईसु प लगावां। जखो बिस्वास को मालिक अर बिनै निधान करबाळो ह। बो आगला सुक क बारां म सोचतो होयो बेजती होबा की चिंत्या कर्या बिना सुळी प दुख भोग्यो अर परमेसर क सिंघासन क दायणै जार बिराजगो।
म थारूँ बोलुँ हूँ ठिक अंय्यांई जद कोई पापी पापऊँ तौबा करै ह, जणा परमेसर का ईस्बर नगरी दुता क सामै खुसी मनाई जावै ह।”
म परबु ईसु का बे बचन याद राख'र की ‘लेबाऊँ देबो चोखो ह।’ मेरा हाताऊँ मेनत कर माड़ानै समाळर थानै दिखायो हूँ।”
जखी रोटी परमेसर देवै ह, बा ईस्बर नगरीऊँ उतरी ह, अर बा जगत का मिनखानै जीवन देवै ह।”
ईसु बिनै अंय्यां ओडायो, “इब तो अंय्यांई होबा दे, क्युं क जखी परमेसर चावै ह बोई आपानै करनो ह।” जणा बो बिकी बात मान लिनी।
जणा ईसु बाऊँ बोल्यो, “थे मनै क्याले ढुंढा हा? थानै बेरो कोनी के? मनै मेरा परम-पिता क घरा होणोई ह।”
अर जखो मनै भेज्यो ह बो मेरै सागै ह। बो मनै ऐकलो कोनी छोडै, क्युं क म सदाई बोई करूं हूँ, जखो बिनै राजी करै ह।”
इकै पाछै ईसु जाणग्यो क सक्यु पूरो होलिओ ह, जणा सास्तर का आंक सच होवै इ ताँई बो बोल्यो, “म तिसायो हूँ।”
बिकी बाता सुणर ईसु खड़्यो होर आपका चेलानै सागै लेर बिकै सागै चालबा लाग्यो।