13 ईसु जुबाब दिओ, “जखो बी इ पाणी मऊँ पिसी बिनै ओज्यु तिस लागसी,
रोट्या ताँई मेनत मना करो क्युं क बे तो बुसज्यावै, पण अजर-अमर जीवन देबाळी रोटी ताँई मेनत करो। आ बा रोटी ह जखी मिनख को बेटो थानै देसी, क्युं क परम-पिता परमेसर बिनै ओ अधिकार दिओ ह।”
जणा बो बठैऊँ हेलो मार'र बोल्यो, ‘ओ बाबा अब्राहम मेर प तरस खा। अर लाजरनै भेजर बिनै बोल की बो आपकी आँगळी डबोर एक बूँद पाणी की मेरी जीब प गेर'र बिनै सिळी करै क्युं क, इ आग म, म बळर्यो हूँ।’
थारा बडका उजाड़ म मन्नो खाया, बिकै पाछै बी बे मरगा।
के तू म्हारा बडका याकूबऊँ बडो ह, जखो म्हानै ओ कुओ दिओ अर जिमैऊँ बो खुद, बिका बेटा अर बिका ढांडा पाणी पीआ हा?”
पण ज मेरा दियड़ा पाणी मऊँ कोई पिसी जणा बो ओज्यु कदैई कोनी तिसायो होसी। बि पाणीऊँ जखो म बानै देस्युँ, बिऊँ बे अजर-अमर जीवन ताँई जीवन देबाळा पाणी को झरनो बणज्यासी।”