8 भाळ जठै चावै बठै भेवै ह, जिकी उवाज थे सुणो हो, पण थे आ कोनी जाणो क बा कठैऊँ आवै अर कठै जावै ह। पबितर आत्माऊँ जलम लेबाळो हरेक मिनख इकी जंय्यांई ह।”
मिनख की खुदकी आत्मा क अलावा बिकै मन की बात कोई दुसरो जाण सकै ह के? बंय्यांई परमेसर की बातानै बिकी पबितर आत्मानै छोडर कोई कोनी जाण सकै।
अत्ती बारां मई आसमानऊँ आँधी की सी उवाज होई अर बो सगळो घर जठै बे बेठ्या हा गुँजबा लागगो।
अर ज थे आ जाणो हो क बो धरमी ह जणा थे आबी जाणल्यो क जखो मिनख धरम का काम करै ह बो बिऊँ जलम्यो ह।
बाकै अरदास करताई बा झघा जठै बे भेळा होर्या हा हालबा लागगी अर बे सगळा पबितर आत्माऊँ भरगा अर हिमत क सागै परमेसर का बचनानै बोलबा लागगा।
पण अ सगळा काम एक पबितर आत्मा करै ह अर बो जिनै चावै बिनै अ बरदान बाट देवै ह।
एक टाबर, जंय्यां मिनखऊँ बिकी इंछ्या गेल जलमै ह, बि तरिकाऊँ जलम'र बे परमेसर का टाबर कोनी बण्या, पण परमेसर की इंछ्याऊँ आत्मिक रूपऊँ जलम लेर परमेसर का टाबर बण्या हीं।
था सगळानै ओज्यु जलम लेणोई ह, मेरी इ बात प ताजूब मना करो।
निकेदेमुस बोल्यो, “ओ कंय्यां हो सकै ह?”