7 था सगळानै ओज्यु जलम लेणोई ह, मेरी इ बात प ताजूब मना करो।
ईसु जुबाब दिओ, “म तेरूँ सची बोलुँ हूँ जद ताँई कोई मिनख ओज्यु नइ जलमै जद ताँई बो परमेसर का राजनै कोनी देख सकै।”
कोई असुद चिज तो बिकै मांयनै बड़ई कोनी सकै, अर नइ बे जखा सूगला अर धोकेबाज हीं, पण बि नगरी म तो बेई बड़ सकै ह जखा को नाम उन्या की जीवन हाळी पोथी म मंडर्या ह।
थे सच का गेला प चाल्या जणा थारा पाप सुद कर दिआ गया, जणा इब थानै चाए क एक दुसराऊँ भाईचारो राखो अर एक दुसराऊँ खरा हिया क सागै डूँगो परेम राखो।
सगळा क सागै मेळमिलाप राखबा अर पबितर होबा ताँई हरेक जंय्यां कोसिस करो क्युं क बिना पबितरता क कदैई कोई परबुनै कोनी देख सकै।
परम-पितानै धनेवाद देता रह्यो, बो थानै इ जोगो बणायो ह क उजाळा का राज म जोक्यु परमेसर आपका मिनखा ताँई धर राख्यो ह बिमै थारी पाँती होवै।
थे जद इ धरती की बाता पई बिस्वास कोनी करो जखी म थानै बताऊँ हूँ। जणा पाछै ज म थानै ईस्बर नगरी की बाता बताऊँ, थे बापै कंय्यां बिस्वास करस्यो?
“इपै ताजूब मना करो क्युं क टेम आर्यो ह, जद बे सगळा जखा कबरा म हीं बे बिका बचननै सुणसी,
मिनख मिनखनै जलम दे सकै ह, पण बा पबितर आत्मा ह जिकै जरिए बो आत्मिक रूप म जलमै ह।
भाळ जठै चावै बठै भेवै ह, जिकी उवाज थे सुणो हो, पण थे आ कोनी जाणो क बा कठैऊँ आवै अर कठै जावै ह। पबितर आत्माऊँ जलम लेबाळो हरेक मिनख इकी जंय्यांई ह।”