5 जणा ईसु बाऊँ बोल्यो, “भाईड़ो, थारै कनै मछ्या ह के?” बे बोल्या, “कोनी।”
अर बिका सगळा भर्यापूरा धन क सागै मेरो परमेसर मसी ईसु क हाता थारी सगळी जुर्तानै पूरी करसी।
ओ बूडा ठेरो, म थानै मांडूँ हूँ, क्युं क थे बिनै जाणो हो जखो जुगादऊँ ह। ओ मोट्यारो म थानै मांडूँ हूँ, क्युं क थे बुराईनै हराया हो।
थारो सुभाव धन को लालची नइ होवै, अर जोक्युबी थारै कनै ह, बिमई सबर राखो, क्युं क परमेसर बोल्यो ह, “म तनै कदैई कोनी छोडूँ, अर कदैई कोनी तजूं।”
ओ मेरा टाबरो, जंय्यांकी थे जाणो हो क, आखरी घड़ी आगी ह अर मसी को बेरी बी आबाळो ह, अर आबाळो काँई ह जदकी मसी का बोळा बेरी आग्या हीं। इ बात की बजेऊँई आपा जाण सकां हां क आ आखरी घड़ी ह।
अर जद दिन ढळगो जणा चेला ईसु कनै आर खेबा लाग्या, “आपा उजाड़ म हां अर बोळो मोड़ो बी होगो ह इ ताँई थे इ भीड़नै बिदा करो जिऊँ क अ कनै का गाँवा म जार खाबा ताँई मोल लेर खा सकीं।”
बाकन थोड़ीसिक मछी बी ही ईसु बानै बी लिओ अर परमेसरनै धनेवाद देर चेलानै दिओ अर चेला मिनखानै देता गया।