16 अर कबूतर बेचबाळानै बोल्यो, “आनै लेर अठैऊँ चल्या जाओ। मेरा परम-पिता का घरनै बजार बणाबा की थारी हिमत कंय्यां होई?”
इकै पाछै बो बानै बोल्यो, “पबितर सास्तर म मंडर्यो ह: “‘मेरो मनदर अरदास करबा को घर खुवासी। पण थे इनै डाकूआ की खोळ बणा दि।’”
इकै पाछै बो बानै सीख देतो होयो बाऊँ बोल्यो, “पबितर सास्तर म मंडर्यो ह, ‘मेरो मनदर धरती का सगळा कूणबा का मिनखा ताँई अरदास को घर होसी।’ पण थे इ घरनै डाकूआ की खोळ बणा दि।”
जणा ईसु बाऊँ बोल्यो, “थे मनै क्याले ढुंढा हा? थानै बेरो कोनी के? मनै मेरा परम-पिता क घरा होणोई ह।”
अर बे लालची होबा की बजेऊँ थानै दिखावटी बाता बोलर थारूँ धन कमासी। अर बाकी सजा तो पेल्याऊँई परमेसर ते कर राखी ह। अर बाको नास बानै उडिकर्यो ह।
पण ईसु बानै जुबाब दिओ, “मेरो परम-पिता कदैई काम करनो बंद कोनी करै, इ ताँई म बी काम करर्यो हूँ।”
अर बा मिनखा म राड़ होवै ह जाकी मत्ती मारी गई ह, अर जखा सचऊँ दूर होगा हीं, बे सोचीं हीं क, परमेसर की सेवा धन कमाबा को सादन ह।
ईसु बिऊँ बोल्यो, “मेरै हात मना अड़ा क्युं क म हाल ताँई परम-पिता क कनै उपर कोनी गयो हूँ। तू तो अंय्यां कर मेरा भाई-भाणा कनै जा अर बानै बता, ‘म मेरा अर थारा परम-पिता, परमेसर क कनै उपर जार्यो हूँ।’ ”
मेरो परम-पिता जखो बानै मनै दिओ ह, बो सगळी चिजाऊँ बढर ह। अर कोईबी बानै बिका हाताऊँ कोनी खोस सकै।
ईसु बाऊँ बोल्यो, “मेर म तो कोई ओपरी बलाय कोनी। म मेरा परम-पिता को मान करूं हूँ। अर थे मनै बद्दोई कोनी।
ईसु मनदर म गयो अर बठै जत्ताबी बेचबाळा अर खरीदबाळा हा, बानै बठैऊँ बारनै काडबा लाग्यो। बो रिपीआ को लेणदेण करबाळा का पाटियानै बगा दिओ अर कबूतर बेचबाळा का तक्तानै उंदो कर दिओ।
जद जार बे दास बानै खया जणा बे बाकी बाता प गोर कोनी दिआ। अर आप-आपका खेत म अर काम-धंधा प चलेग्या।
जणा ईसु जेवड़ी को कोल्डो बणार, लल्ड्या क सागै बा सगळा ढांडानै मनदर का चोक क बारनै घेर्यायो। अर पाछो मुड़र पिसा को लेणदेण करबाळा का सीक्का खिन्डा दिआ। अर बाका पाटिया उन्दा मार दिआ।