5 जणा पाछै ईसु बारनै आयो। बे काटा को मुकट अर स्याही पोसाक पेर राख्या हा। जणा पीळातुस बोल्यो, “ओर्यो बो मिनख।”
जणा पाछै सिपाईड़ा काटा की डाळीनै गूंथर एक मुकट बणार बिका सीर प धर दिआ। अर बिनै स्याही पोसाक पिराया।
आओ ल्यो आपा आपणी आँख्या ईसु प लगावां। जखो बिस्वास को मालिक अर बिनै निधान करबाळो ह। बो आगला सुक क बारां म सोचतो होयो बेजती होबा की चिंत्या कर्या बिना सुळी प दुख भोग्यो अर परमेसर क सिंघासन क दायणै जार बिराजगो।
आगलै दिन ईसुनै आप कानि आतो देखर यहून्ना बोल्यो, “देखो, ओ परमेसर को उन्यो ह, जखो जगत का मिनखा का पाप ताँई बलिदान होसी।
जणा बे बिका सीर प काटाहाळी डाळ्यां को मुकट बणार धर दिओ। अर बिका दाया हात म कामड़ी पकड़ा दिनी अर बिकै आगै गोडा टे'कर हसताई खया, “यहूदिआ का राजा नमस्कार।”