1 जणा पीळातुस ईसुनै पकड़ा'र कोड़ा लगवाया।
परमेसरनै नइ ध्यारबाळा मिनखा क हाता म सूप देसी अर बे बिको तमासो बणासी अर बिकै तड़ा मारसी। अर सुळी प चढासी। पण बो तीसरा दिन ओज्यु जिंदो होज्यासी।”
जणा म इकै तड़ा मरवार छोड द्युँ?”
बिकै तड़ा मारसी अर बिनै ज्यानऊँ मार गेरसी। पण बो तीसरा दिन ओज्यु जिंदो होज्यासी।”
पण बे ओर बी जोरऊँ चिलाबा लागगा, “नइ इनै तो सुळी प चढाओ” अर बाकी जीत होई।
इ ताँई म थानै खेऊँ हूँ, म थारै कनै परमेसर की खेबाळानै, बुदीमानानै अर गरूजीआनै भेजस्युं। पण थे बामैऊँ कया क तो अरदास करबाळी झघा म बेत मारस्यो, कयानै सतास्यो, कयानै सुळी प चढास्यो, कयानै मार गेरस्यो अर नगरी-नगरी थे बाको पिछो करस्यो।
बो आपणा पापनै खुदकी काया प लेर सुळी प चढगो, जिऊँ आपा पाप करबा बेई मर्या समान होवां अर जखो सई ह बिनै करबा बेई जीवां। थानै निरोगो कर्यो जा सकै, इ ताँई बो आपकी काया प घाव लिआ।
कया को तमासो बणायो गयो, कया क बेत मारी गई, कयानै बां'दर जेळ म गेर्यो गयो।
पाच बार म यहूदिआ क हाता उणचाळिस-उणचाळिस कोड़ा खाया।