7 अर इब बे जाणी हीं क हरेक चिज जखी थे मनै दिआ हो, बा थारै कानिऊँ आवै ह।
बे सगळी चिजा मेरी ह जखी परम-पिता की ह जणाई तो म बोल्यो क पबितर आत्मा जोक्यु मेरूँ सुणसी बाई थानै बतासी।
बे सगळा जखा मेरा ह बे थारा हीं अर जखा थारा हीं बे मेरा ह, बाकै जरिए मनै मेमा मिली।
जणा बो बाऊँ बोल्यो, “थे जद मिनख का बेटानै उचो उठास्यो, जणा थारी समज म आज्यासी क म कूण हूँ। अर बि टेम थे आबी जाण जास्यो क म मेरी मरजीऊँ क्युंई कोनी करूं। पण म तो बाई बोलुँ हूँ जखी परम-पिता मनै बोलबा ताँई बोलै ह।
बो दिन आसी जणा थे जाण जास्यो, क म परम-पिता म अर थे मेर म, बंय्यांई म थारै म हूँ।
इ जगत का मिनखा मऊँ जखा मिनख थे मनै दिआ, बानै म थारा नाम की सक्ति को ज्ञान करवायो। बे सगळा थाराई मिनख हा। थे बानै मनै दिआ अर बे तेरा खयानै मान्या।
म बानै बाई सीख दिनी, जखी थे मनै सीखाया हो, अर बे बिपै चाली हीं। बे सूल्या जाणी हीं क म थारै कानिऊँ आयो हूँ अर बानै इ बात को बिस्वास होगो ह क मनै भेजबाळा थेई हो।