म बामै हूँ अर थे मेर म, जिऊँ बे पूरीतर्या एक होर आपणै म रळज्यावै। अर इ जगत का मिनख जाणै, क मनै भेजबाळा थे हो। थे बानै बी बंय्यांई परेम करो जंय्यां थे मेरूँ परेम करो हो।
ओ परम-पिताजी, म चाऊँ हूँ क बा सगळा म एको होवै, ठिक बंय्यांई जंय्यां म थारै म ओर थे मेर म हो। बे बी आपणा म एक होवीं जिऊँ क इ जगत का मिनख बिस्वास करै क थे मनै भेज्या हो।
म बानै बाई सीख दिनी, जखी थे मनै सीखाया हो, अर बे बिपै चाली हीं। बे सूल्या जाणी हीं क म थारै कानिऊँ आयो हूँ अर बानै इ बात को बिस्वास होगो ह क मनै भेजबाळा थेई हो।
अर बाऊँ बोल्यो, “जखो कोई मेरै ताँई इ टाबरिया को मान करै बो मेरो बी मान करै। अर जखा मेरो मान करीं बे मनै भेजबाळा परमेसर को बी मान करीं हीं। इ बजेऊँ जखो थार मऊँ सऊँ छोटो ह बोई सऊँ बडो ह।”
अर म आ बातानैई नइ पण सगळी बातानै मेरा परबु मसी ईसुनै जाणबा की बडी बात क सामै घाटा की समजूँ हूँ। अर मसी ताँई म आनै कुड़ो-करकट जा'णर बगा दिओ जिऊँ म मसीनै पाऊँ
ईस्बर नगरी का बुलावा म पाँतीवाळ ओ मेरा पबितर बिस्वासी भाईड़ो, थे थारो ध्यान बि परमेसर का भेजेड़ा ईसु प जखो म्हायाजक ह अर जिनै म्हें माना हां बिपै लगाओ।