10 बो धारमिक्ता क बारां बतासी क्युं क म परम-पिता कनै जार्यो हूँ अर थे मनै ओज्यु कोनी देखस्यो।
क्युं क मसी सगळा का पाप ताँई एकर मर्यो जखो धरमी होर बी पाप की बजेऊँ दुख भोग्यो जिऊँ आपानै परमेसरऊँ मिलावै। बो काया म मर्यो पण आत्मा म जीवायो गयो।
अर जखो कदैई पाप कोनी कर्यो बिनै परमेसर आपणा ताँई पापबली बणायो जिऊँ आपा परमेसर क सामै धरमी बाजां।
कोई कोनी नट सकै क, भगती को भेद कंय्यां को म्हान ह, बो जखो मिनख जूण म परगट होयो, पबितर आत्मा जिनै धरमी बतायो, अर ईस्बर नगरी दुत जिनै देख्या, देस-देस म बिको परचार कर्यो गयो, जगत म बिपै बिस्वास कर्यो गयो, अर ईस्बर नगरी म उठा लिओ गयो।
पण परमेसर थानै मसी ईसु म जोड़्यो अर मसीनै थारी बुदी बणायो। अर बिकै जरिएई आपा परमेसर की नजर्या म धरमी हां अर आपा परमेसर का पबितर मिनख बण्या अर अजाद कर्या गया।
बो पबितर अर धरमी हो। पण थे बिनै तज दिआ, अर एक हत्यारानै छोडबा की पीळातुसऊँ दरखास्त करी।
पण आपा पबितर आत्मा का दियड़ा बिस्वास की बजेऊँ परमेसर क सामै जीबा की आस देखां हां।
क्युं क चोखो समचार परमेसर की धारमिक्तानै बतावै, आ धारमिक्ता सरूआतऊँ लेर आखीर ताँई बिस्वास प टिकरी ह जंय्यां क पबितर सास्तर म मंडर्यो ह, “धरमी मिनख बिस्वासऊँ जिसी।”
क्युं क एक दिन परमेसर पेल्याऊँ ते करेड़ा मिनख क हातऊँ जगत का मिनखा को सचाई क सागै न्याय करसी। इ बात को सबूत देबा ताँई परमेसर बिनै मरेड़ा मऊँ जीवायो।”
अंय्यां को कोई परमेसर की खेबाळो होयो हो के जिनै थारा बाप-दादा कोनी सताया हो? बे बा परमेसर की खेबाळानै मार गेर्या जखा बि परमेसर का धरमी दास क आबा को समचार पेल्याई दिआ करता हा। अर ठिक बंय्यांई थे बी बिनै धोकाऊँ पकड़ाबाळा अर मारबाळा होया।
अर इ ईसुनै परमेसर मरेड़ा मऊँ जीवायो, अर इ बात का आपा सगळा गुवा हां।
पण मेरै बारां म गुवाई देबाळो म कोनी पण ओरई मेरी गुवाई देवै ह, अर म जाणू हूँ क, मेरै बारां म बिकी गुवाई सची ह।
जंय्यां मूसा बि उजाड़ म कांसा का साँपनै उचो उठायो हो बंय्यांई मिनख को बेटो बी उचो उठायो ज्यासी।
ईसु बोल्यो, “म थोड़ी-घणी टेम ताँई ओर थारै सागै हूँ। इकै पाछै म मेरै भेजबाळा क कनै चल्यो ज्यास्युं।
“इब बा घड़ी आगी ह, जद म मेरा भेजबाळा क कनै जार्यो हूँ, अर थे कोईबी मना बुजो क म कठै जार्यो हूँ।
म परम-पिता कानिऊँई इ जगत म आयो। इब म इ जगतनै छोडर परम-पिता कनै जार्यो हूँ।”