“एक मिसाल ओर सुणो: एक जमीदार हो। बो अँगूरा को बाग लगायो अर बिकै च्यारूमेर बाड़ बांदी। अर अँगूरा को रस काडबा ताँई खाडो खोदर एक घरट लगायो अर रूखाळी ताँई एक मचाण बणाई। अर अँगूरा का बागनै किराया प देर दूर दिसावर चलेगो।
पाछै बो बानै समजाबा ताँई एक मिसाल दिनी, “कोई आदमी हो अर बिकै एक अँगूरा को बाग हो। अर बि बाड़ी म एक अंजीर को दरख्त लागर्यो हो। जणा बो बि दरख्त का फळ तोड़बानै आयो पण बिनै बिमै एकई फळ कोनी दिख्यो।
पण ज पाळेड़ा जेतून का दरख्त की क्युंक डाळ्यां तोड़र फेक दि जावै, अर एक जंगली जेतून की डाळीनै बिपै कलम चढा दिओ जावै, जणा थे गैर-यहूदि जखा पाळेड़ा दरख्त प कलम चढाईड़ी डाळ्यां की जंय्यां हो जेतून की जड़्या का पोसण का साती हो।