3 बठै थारै ताँई झघा बणाया पाछै म थानै लेबा आस्युं। बिकै पाछै आपा सागैई रेहस्यां।
जखो बी मेरी सेवा करबो चावै ह, बिनै मेरै गेल चालनो पड़सी जिऊँ क मेरा दास मेरै सागैई रेह्वै। जखो मेरी सेवा करसी, बानै मेरो परम-पिता मान देसी।
ज आपा थ्यावस क सागै दुख भोगस्यां, जणा आपा बिकै सागै राज बी करस्यां। ज आपा बिऊँ मुंडो फेरां, जणा बो बी आपणाऊँ मुंडो फेरसी।
अर बाऊँ बोल्या, “अरै गलिली मिनखो, खड़्या-खड़्या आसमान म काँई देखर्या हो? ओ ईसु जिनै थारै मऊँ ईस्बर नगरी म उठायो गयो ह ओ जंय्यां गयो ह बंय्यांई पाछो आसी।”
बंय्यांई मसी बी बोळा मिनखा का पापनै धोबा ताँई एकर बलिदान होयो; अर मसी बा मिनखा ताँई जखा बिनै उडिकै ह बाका पाप धोबा ताँई नइ पण बाका छुटकारा ताँई दुसरकै परगट होसी।
अर ज आपा बिकी ओलाद हां जणा परमेसर का वारिस अर मसी क सागै पाँतीवाळ बी हां, ज आपा बिकै सागै दुख म पाँतीवाळ हां जणा बिकै सागै मेमा म बी पाँतीवाळ हां।
“थे मनै अंय्यां बोलता सुण्या हो, ‘म जार्यो हूँ, पण म थारै कनै ओज्यु आस्युं।’ ज थे मेरूँ परेम करो हो जणा थे इ बातऊँ राजी होस्यो क म परम-पिता कनै जार्यो हूँ क्युं क बो मेरूँ बडो ह।
ओ परम-पिताजी, जखा मिनख थे मनै सूप्या हो म चाऊँ हूँ क बे बी बठै मेरै सागै होवीं जठै म हूँ, जिऊँ क बे बि मेमानै देख सकीं जखी थे मनै दिआ हो, क्युं क इ सरस्टिनै रचबाऊँ पेली थे मेरूँ परेम कर्यो।
जिऊँ आपणा परमेसर अर परबु ईसु मसी की दयाऊँ आपणा परबु ईसु को नाम थारै म मान पावै अर थे बिमै मान पावो।
जखो जीतै ह, बिनै म मेरै दाया नाकै मेरा सिंघासन प बिठास्युं। जंय्यां म जित्यो अर मेरा परम-पिता क सागै बिका सिंघासन प बेठ्यो।
म आ दो मता म अळजर्यो हूँ। इ कायानै छोडर मसी क सागै रेह्बो तो म बोळो चाऊँ हूँ क्युं क ओ मेर ताँई घणोई चोखो ह;
म जठै जार्यो हूँ, बठै पुगबा को गेलो थे जाणो हो।”