1 ईसु आपका चेलाऊँ बोल्यो, “मन म चिंत्या कर उदास मना होवो , पण परमेसर अर मेर प बी बिस्वास करो।
ईसु जोरकी उवाज म बोल्यो, “जखा बी मेर प बिस्वास करै ह, बे मेर पई नइ पण मनै भेजबाळा प बी बिस्वास करै ह।
क्युं क मेरा परम-पिता की इंछ्या आ ह क जखो बी बेटानै देखै ह। अर बिपै बिस्वास ल्यावै ह बिनै अजर-अमर जीवन मिलै, अर आखरी दिन म खुद बिनै जीवा देस्युँ।”
जोक्यु मसी कर्यो बिकी बजेऊँ थे परमेसर प बिस्वास करो हो। परमेसर जखो बिनै मरेड़ा मऊँ जीवायो अर मेमा दि, इ बजेऊँई थे परमेसर म आस अर बिस्वास राखो हो।
“इकै होबाऊँ पेलीई म थानै आ बतार्यो हूँ, जिऊँ जद अ बाता होवै जणा थे बिस्वास करो क म बोई हूँ।
इ ताँई, परबु ईसु प थारा बिस्वास अर परमेसर का मिनखा ताँई थारा प्यार-परेम क बारां म जदऊँ म सुण्यो बि टेमऊँ,
“मेरो जीव इब दुखी ह। मनै काँई बोलबो चाए? के म अंय्यां बोलुँ, ‘परम-पिता, थे मनै इ घड़ीऊँ बचाओ?’ नइ, पण इ घड़ी की पिड़ानै भोगबाई आयो हूँ।
ज थे कोईऊँ अंय्यां सुणो क परबु क ओज्यु आबा को दिन आग्यो ह जणा थे उकचुक मना होज्यो, नइ दरमई घबराज्यो। नइ कोई आत्माऊँ, नइ बोलऊँ नइ कोई लिखावटऊँ जखी म्हारी सी क्युना लागै जणा बी बिको बिस्वास मना करज्यो।
इब थे बिनै ओर सजा देबो बंद करो अर बि मिनखनै माफ कर बिकी हिमत बढाओ जिऊँ अंय्यां नइ होवै क बो दुख मई पड़्यो रेह्वै।
मरीयम अर बिकै सागैहाळा को रोज देखर ईसु को काळज्यो पसीजगो अर बिकी अन्तर-आत्मा दुखी होई।
जिऊँ सगळा, बि बेटा को बंय्यांई मान-समान करै जंय्यां परम-पिता को मान-समान करीं हीं। जखो बी बेटा को मान-समान कोनी करै बो परम-पिता को मान-समान बी कोनी करै जखो बिनै भेज्यो ह।
मिनख अंय्यां इ ताँई करसी, क्युं क नइ तो बे मनै जाणै अर नइ परम-पितानै।
जदकी म थानै अ सगळी बाता बोल दिओ हूँ इ ताँई थारो मन दुखी नइ होवै।
हाल ताँई थे मेरा नामऊँ क्युंई कोनी माँग्या। माँगो थानै मिलसी जिऊँ थे राजी-खुसी रेह्वो।