8 पतरस बिऊँ बोल्यो, “नइ आ कदैई कोनी हो सकै क, थे मेरा पग धोओ!” ईसु बोल्यो, “ज म तेरा पग नइ धोऊँ जणा तू मेरो चेलो कोनी।”
अंय्यां इ ताँई कोनी होयो क आपा धरम का करम कर्या हा, पण आ बिकी दयाई ह की बो आपानै पबितर आत्मा क जरिए बचायो ह जखी आपानै धोर नयो जलम अर नई जिंदगी देवै ह।
इब देर क्याकी? खड़्यो हो बतिस्मो ले अर बिका नामऊँ अरदास कर जिऊँ परमेसर तेरा पाप धो दे।’
जणा आओ, आपा सचा हिया अर पूरा बिस्वास क सागै मन का बुरा बिचारानै छिड़कावऊँ सुद करवार कायानै पबितर पाणीऊँ धुलवार परमेसर क कनै चालां।
जिऊँ बिस्वासी मंडळीनै मसी परमेसर का बचना अर पाणी का बतिस्माऊँ धोर पबितर अर उजळी बणावै,
अर थारै म बी पेल्या क्युंक मिनख अंय्यां का हा, पण इब थानै परबु ईसु मसी अर परमेसर की पबितर आत्मा क जरिए पापऊँ धोर पबितर कर परमेसर क सागै सई होबा ताँई परमेसरनै सूप दिओ गयो ह।
म बिऊँ बोल्यो, “म्हराज, थे जाणो हो।” जणा बो मेरूँ बोल्यो, “अ बे मिनख ह जखा कळेस भोगर आया हीं अर आपका गाबल्यानै उन्या का लोयऊँ धोर पबितर कर्या हीं।
ईस्बर नगरी दुतानै पूजबो, आपकी कायानै दुख देबो, देख-दिखावा की नरमाई अ मिनखा का बणाएड़ा झूठा नियम, ज्ञान की बाता तो लागै पण काया की बासनानै रोकबा ताँई अ क्युंई फाईदो कोनी करै।
जखो मिनख देख-दिखावा की नरमाई बरतै अर ईस्बर नगरी दुतानै पूजबा को काम करै ह बिनै थारा इनाम पाबा म रोड़ो मना बणबा द्यो। अंय्यांलको मिनख सदाई बा दिव्य दरसावा की फांप मारतो रेह जखा बो देख्या हा अर बो आपका अर मिनखा का बिचार म झूठोई गुमान म फुल्यो रेह्वै ह,
ईसु बोल्यो, “म थारूँ सची-सची बोलुँ हूँ, पबितर आत्मा अर पाणीऊँ जलम्या बिना कोईबी मिनख परमेसर का राज म कोनी बड़ सकै।
जणा पतरस खयो, “चाए सगळा तनै छोडर भाग जावै पण म तनै कोनी छोडूँ।”
पण बो बोल्यो, ‘मेरो मन कोनी।’ बिकै पाछै बी बो चलेगो।
जणा पतरस खयो, “ज मनै थारै सागै ज्यान बी देणी पड़ी जणा बी म पिछै कोनी हटूँ।” अर बाकी का सगळा चेला बी अंय्यांई बोल्या।
आ बात सुणर पतरस बानै एकला म लेगो अर दकालर बोल्यो, “परबु थारै सागै अंय्यां कदैई नइ होवै।”
जद बो समोन पतरस क कनै आयो, समोन बोल्यो, “परबु, थे मेरा पग धोस्यो?”
समोन पतरस बोल्यो, “जणा परबु तू मेरा पगई क्युं, हात अर माथो बी धो दे!”