11 ईसु पेल्याऊँ जाणतो हो क, बिनै कूण पकड़ासी जणाई तो बो बोल्यो हो क, “एकनै छोडर सगळा पबितर हो।”
ईसु बोल्यो, “म ओ रोटी को टुक इ कचोळा म डूबार जिनै देस्युँ, बोई बो मिनख ह।” जणा बे रोटी को टुक तोड़र बिनै डबोर समोन का बेटा यहूदा इस्करोतीनै दिआ।
आ खेबा क पाछै ईसु आपकी आत्मा म बोळो दुखी होया। अर साप-साप बोल्यो, “म थारूँ सची बोलुँ हूँ, थार मऊँ एक जणो मनै धोकाऊँ पकड़ासी।”
“म थारी सगळा की बात कोनी करूं, म बानै जाणू हूँ जानै म टाळ्या हूँ। सास्तर म मंडेड़ो आंक पूरो होसी, ‘जखो मेरी रोटी खाई बोई मेरै लात मारी।’
ईसु अर बिका चेला आथण्या रोटी खार्या हा, जणा सेतान समोन का बेटा यहूदा इस्करोती क मन म ईसुनै धोकाऊँ पकड़ाबा की बात घाल दिओ हो।
बिनै इकी जुर्त कोनी ही क, कोई मिनख दुसरा मिनख क बारां म बतावै, क्युं क बो खुद जाण्या कर्तो हो क मिनखा क मन म काँई चालर्यो ह।
जद म बाकै सागै हो म थारा बि नाम की सक्तिऊँ जखो थे मनै दिआ हा बानै बचायो। बामैऊँ कोईबी नास कोनी होयो सिवाय बि मिनख क जखो बि गेला प चाल्यो जखो नास कानि लेज्यावै ह, जिऊँ क सास्तर को आंक पूरो होवै।
जणा पाछै ईसु जखो सक्यु जाणता हो आगै आर बाऊँ बोल्यो, “थे किनै ढुंढो हो?”