3 दरूजा प पेरोदेबाळो बि ताँई दरवाजो खोलै ह, बो हरेक लल्डीनै नाम लेर बुलावै अर लल्ड्या बिकी बोली पिछाणै ह। बो बानै बारनै लेज्यावै ह।
पण परमेसर की पक्की निम हालै कोनी, जिपै आ छाप लागरी ह, “परबु खुदका मिनखानै जाणै ह,” अर, “जखो कोई परबु को नाम लेवै ह बिनै चाए क बो बुरा करमाऊँ बच्यो रेह्वै।”
जद बो बानै बारनै लेर आवै, जणा बो बाकै आगै-आगै चालै ह, अर लल्डी बिकै गेल-गेल, क्युं क बे बिकी बोली पिछाणै ह।
मेरी ओर बी लल्ड्या हीं, जखी इ रेवड़ की कोनी। मनै बानै बी ल्याणो जरूरी ह, बे मेरी सुणसी अर जणा बाको एक रेवड़ अर एकई गुवाळ्यो होसी।
“म चोखो गुवाळ्यो हूँ। क्युं क म मेरी लल्ड्यानै जाणू हूँ अर बे मनै।
सुण, म बारना प खड़्यो-खड़्यो खुड़काऊँ हूँ। ज कोई मेरो हेलो सुणर कुआड़ खोलसी, जणा म मांयनै जार बिकै सागै खाणो खास्युं अर बो मेरै सागै।
क्युं क जखो उन्यो सिंघासन क बिचमै ह, बो बाको गुवाळ्यो होसी, अर बो बानै जीवन देबाळा पाणी का झरना कनै लेज्यासी। अर परमेसर बाकी आँख्या का सगळा आसु पुछ देसी।”
जानै बो टाळ्यो बानै बो बुलायो अर जानै बो बुलायो बानै धरमी बी बणायो अर जानै बो धरमी बणायो बानै मेमा बी दिनी।
परमेसर की खेबाळा पबितर सास्तर म आ मांडी ह, ‘सगळानै परमेसरई सीखासी।’ अर मेरै कनै बोई आवै ह जखो परम-पिताऊँ सुणै अर सीखै ह।
जोक्यु परम-पिता मनै देवै ह, बो मेरै कनै आसी अर म बिऊँ मुंडो कोनी फेरूं।
अर जिको बी नाम जीवन की पोथी म मांडेड़ो कोनी मिल्यो बिनै बी इ आग का कूंड म गेर दिओ गयो।
अर सागै की सागै म्हारै ताँई बी अरदास करो क परमेसर म्हानै मसी का भेदा को परचार करबा को मोको देवै। क्युं क परचार करबा क चलतई म जेळ म हूँ,
अर मेरा बिस्वासी सिरी सुजुगे, म तेरूँ बी अरदास कर आ चाऊँ हूँ क जखी लूगाया मेरै सागै चोखा समचारनै फेलाबा म क्लेमेंस अर मेरा ओर बी सिर्या क सागै मेनत करी ही बाको सागो दिआ कर क्युं क बाको नाम बी जीवन की पोथी म मंडेड़ो ह।
पण बानै ओबी बतायो गयो क, बे खुदकी नइ पण थारी सेवा ताँई अ बाता बोल्या हीं। बे थारै ताँई ईस्बर नगरीऊँ आईड़ी पबितर आत्मा की सक्तिऊँ चोखा समचार को हेलो पाड़्या। जदकी आ बातानै जाणबा ताँई ईस्बर नगरी दुत बी तरसीं हीं, पण इकै वावजुद बी अ बाता बस थारै ताँई परचार करी गई।
क्युं क बठै परबु को काम करबा ताँई ओ चोखो मोको ह। अर बठै मेरा बिरोद करबाळा बी बोळा हीं।
बारनो म हूँ, अर जखो बी मेरै जरिए मांयनै आसी बो बचायो जासी। बो बार-भीतर आई-जाई करसी अर धपायो जासी।
पण आपा परमेसर का हां अर जखो बी परमेसरनै जाणै ह बो आपणी बाता सुणै ह। पण जखो परमेसर को कोनी बो आपणी कोनी सुणै। अर इ बातऊँ आपा आ जाण सकां हां क, कूणसी आत्मा सच की ह अर कूणसी आत्मा भंगराबाळी ह।
म आ आस करूं हूँ क, म थारै कनै आर आमै-सामै बतळाऊँ।