5 च्यानणो अँधेरा म चमकै ह, अर अँधेरो बिनै कोनी बुझा सक्यो।
जिकै कनै आत्मा कोनी बिनै बे चिजा कोनी मिलै जखी परमेसर की पबितर आत्माऊँ आवै ह। बि ताँई बे बकवास बाता ह क्युं क बाको मोल आत्मिक रूपऊँ परख्यो जावै ह।
बचन जगत म हो, पण कोई बिनै कोनी जाण्यो, जदकी परमेसर बिकै जरिए इ सरस्टि की रचना करी।
अर अठै ताँई बे परमेसरनै जाणबा को मोल कोनी जाण्या जणाई परमेसर बी बानै बाकी फालतु सोच प छोड दिओ, अर बे जखी नइ करनी चाए बे बाता करीं हीं।
मिनख दिओ जळार कुंडा तळै कोनी म्हेलीं पण आळ्या म म्हेलीं हीं जिऊँ घर म आबा-जाबाळा मिनखानै च्यानणो दिख सकै।
जिऊँ तू बाकी आँख्या खोलै अर बानै अँधेराऊँ च्यानणा म अर सेतान की सक्तिऊँ परमेसर कानि ल्यावै, अर मेर प बिस्वास करबाऊँ बानै पापऊँ माफी मिलसी अर जखी बापोत मेरा टाळेड़ा मिनखा ताँई ह बिमै बाको बी हिस्सो होसी।’