“कोईबी मिनख एक सागै दो मालिका की सेवा कोनी कर सकै। क्युं क बो एकऊँ तो परेम राखसी अर दुसराऊँ नफरत करसी, एकऊँ तो बफादार रेह्सी दुसरानै छोटो जाणसी। अंय्यांई थे परमेसर अर धन की सेवा एक सागै कोनी कर सको।
पण ईसु बाऊँ बोल्यो, “इ जुग की बुरी अर कुकरमी पिडी ईस्बर नगरी की सेलाणी माँगै ह। पण म थानै खेऊँ हूँ योना परमेसर की खेबाळा की बातानै छोडर कोई सेलाणी आ लोगानै कोनी दिखाई ज्यासी