17 अर जखो बी मिनख भलाई करबो जाणै ह पण कोनी करै जणा बो पाप करै ह।
ईसु बाऊँ बोल्यो, “ज थे आँदा होता जणा पापी कोनी होता। पण बोलो हो क, ‘म्हानै सुजै ह’ जणाई तो थारो पाप बण्यो रेह्वै ह।”
इब थे अ बाता जाणग्या हो, जद थे आनै करस्योक जणा परमेसर थानै आसिरबाद देसी।
ज म नइ आयो होतो अर बाका पाप क बारां म नइ बतायो होतो जणा बापै कोई बात को दोस कोनी लागतो पण इब बाकन इऊँ बचबा को क्युंई भानो कोनी।
आ मिनखा ताँई तो ओ चोखो होतो क अ इ धारमिक्ता का गेलानैई कोनी जाणता, अर जखो हुकम बानै दिओ गयो हो बिऊँ बे मुंडो फेर लेता।
बे परमेसर का नियमानै जाणी हीं क जखो मिनख अंय्यां जीवै ह बो मोतनै पाळै ह जणा पाछै बी बे खुद तो अंय्यां करै जखा करैई ह अंय्यां करबाळा दुसरानै बी सई बतावै।
जणा पाछै इको काँई मतबल होयो क जखो चोखो ह बोई मेरी मोत की बजे बण्यो? नइ, कदैई नइ! पण पाप बि चोखा क जरिए मेरी मोत की बजे इ ताँई बण्यो क पापनै पिछाण्यो जा सकै जिऊँ नेम-कायदा का हुकम क जरिए पाप ओर बी बढगो।