18 जखा मेळमिलाप करावै ह, बे धारमिक्ता को फळ पावै ह।
भागहाळा ह बे जखा मेळमिलाप करावै ह; बे परमेसर का टाबर खुवासी!
धारमिक्ता का चोखा लखणाऊँ थारो जीवन भरज्यावै, जखो परमेसर की मेमा अर जे-जैकार ताँई ईसु मसीऊँ मिलै ह।
क्युं क जखो काया की बुरी इंछ्या ताँई बोवै ह बो आपकी काया की बजेऊँ नास होबाळी फसल काटसी। पण जखो पबितर आत्मा ताँई बोवै ह बो पबितर आत्मा की बजेऊँ अजर-अमर जीवन की फसल काटसी।
जि टेम का दकाल लगाई जावै ह जणा बा चोखी कोनी लागै पण दुख देबाळी होवै ह। पण क्युंक टेम पाछै बिऊँ जखा पक्का होगा हीं बानै धारमिक्ता की स्यांती को फळ देवै ह।
क्युं क मिनखा की झाळ परमेसर की धारमिक्तानै कोनी ल्या सकै।
लावणी करबाळानै मजुरी मिलरी ह अर बो अजर-अमर जीवन ताँई फसल भेळी करै ह। जिऊँ बीज बोबाळो अर काटबाळो दोन्युई मिलर खुसी मना सकै।