15 अर मानल्यो कोई बिस्वासी भाई नहिस कोई बिस्वासी भाण भूखो तिसायो अर उघाड़ो होवै,
बो बोल्यो, “जिकनै दो कुर्ता हीं बे बिकै सागै बाट ले जिकनै कोनी। अर जिकनै रोटी ह बो बी अंय्यांई करै।”
मेरा लाडला बिस्वास्यो, ध्यानऊँ सुणो, के ईस्बर बानै कोनी टाळ्यो जखा इ जगत का मिनखा की नजर्या म गरीब ह? जिऊँ बे बिस्वास म अमीर होज्यावै अर बि राज का अधिकारी बणै जिनै परमेसर बिऊँ परेम करबाळानै देबा को बादो कर्यो ह।
कयानै भाठाऊँ मारगेर्यो गयो, कयानै आरीऊँ चिर्या गया, कयानै तलवारऊँ मार्यो गयो। बे कंगाली की दसा म, कळेस म, अर दुख भोगता होया अर बकर्या अर लल्ड्या की खाल ओड्या अठिनै-बठिनै लात घूसा खाता हांडता फिर्या;
गरीब तो थारै सागै सदाई रेह्सी। थे जद चाओ बाको भलो कर सको हो, पण म थारै सागै सदाई कोनी रेहस्युं।
अर यूनानी भासा बोलबाळा क सागै जिरै बाजी करतो हो, जि बजेऊँ बे बिनै मारबा की ताक म रेह्बा लागगा।
ज थारै मऊँ कोई मिनख सादन सम्पन होवै अर बिका बिस्वासी भाईड़ानै ख्या चिज की जुर्त होवै अर ज बो जुर्तमंद पाड़ोसी भाईड़ा प तरस नइ खावै जणा आपा कंय्यां खे सकां हां क बिकै मांयनै पिता-परमेसर को परेम ह?