12 थे बा मिनखा की जंय्यां बोलो अर भेवार करो जखा को न्याय अजाद करबाळा नेम-कायदा गेल होवै ह।
पण जखो मिनख अजादि देबाळा सिद नेम-कायदा प ध्यान लगार चालै ह बिनै बिका कामा म आसिस मिलै क्युं क जखो बो सुणै ह बिनै भूलै कोनी अर जंय्यां बो सुणै ह बंय्यांई बो करै ह।
पबितर सास्तर म सगळा हुकमा म स्याही हुकम ओ ह क, “थे थारा पड़ोसीऊँ खुदकी जंय्यांई प्यार करज्यो।” अर ज थे इनै मानो हो जणा चोखोई करो हो।
मेरो खेबा को मतबल ओ ह क, थे जोक्यु करो अर बोलो बो परबु ईसु मसी क नामऊँ होणो चाए अर बिका नामऊँई परम-पिता परमेसरनै धनेवाद द्यो।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, जखी बाता सची, आदरमान करबाळी, धारमिक, पबितर, प्यारी, सदगुण, चोखी, बडाई जोगी ह बा बाताऊँ थे थारी बुदीनै भरल्यो।
“परबु की पबितर आत्मा मेर प ह, क्युं क बे मेरो अभिसेक करर भेज्यो ह, क म बोदानै चोखो समचार सुणाऊँ, केद्या की अजादि को हेलो पाड़ूँ, आँदानै आँख्या द्युँ, दब्या-चिथ्यानै उठाऊँ,
थे सचनै जाणस्यो, अर सच थानै अजाद करसी।”
अर थे एक दुसरानै दुख की घड़ी म सारो द्यो, अर ज थे अंय्यां करस्यो जणा मसी का नेम-कायदानै मानबाळा होस्यो।