8 बो मिनख दो मन हाळो ह अर बिना पिंदा को ह।
“कोईबी मिनख एक सागै दो मालिका की सेवा कोनी कर सकै। क्युं क बो एकऊँ तो परेम राखसी अर दुसराऊँ नफरत करसी, एकऊँ तो बफादार रेह्सी दुसरानै छोटो जाणसी। अंय्यांई थे परमेसर अर धन की सेवा एक सागै कोनी कर सको।
परमेसर क कनै आओ जणा बो बी थारै कनै आसी। ओ पाप्यो! थे थारा हातानै साप करो, ओ सक करबाळो थे थारा हियानै पबितर करो।
बे सदाई बि कुकरमी लूगाई की तक म रेह्वै जिकै सागै अ कुकरम कर सकै। अर बे पाप कर्या बिना कोनी सकै। अ भोळा-भाळा मिनखानै भूळा-फुसळार आपकै सागै कर लेवीं हीं आको हियो लालची ह अ सराप की ओलाद हीं।
पोलुस आपकी सगळी चिठी म आ बाता किई चरचा करी ह, अर जामै कत्ती बाता तो अंय्यां की ह जानै समजबो ओखो ह। अज्ञानी अर जखा मजबूत कोनी बे मिनख बाको गळत मतबल लगार खुदनै नास करीं हीं। बे दुसरा सास्तर की सीखनै मानी हीं।
“थारी काया को दिओ आँख ह इ ताँई ज थारी आँख निरोगी ह तो थारी सगळी काया म बी च्यानणो रेह्सी।
अंय्यां को मिनख आ आस नइ करै क, बिनै परबुऊँ क्युं मिलसी।