23 क्युं क ज कोई बचननै सुणै तो ह पण बिपै चालै कोनी जणा बो बि मिनख की जंय्यां ह जखो आपको मुंडो सूल सिसा म देखै ह
जखो मेरै कनै आवै अर मेरी सुणै अर मानै ह बिनै म बतास्युं बो कंय्यां को ह,
सास्तरी अर फरिसी आँख गाड राखी क बो बिनै अरामहाळा दिन निरोगो करै क कोनी करै। क्युं क बे तो बिपै दोस मंढबा की तक म हा।
हाल तो आपा परमेसर क बारां म सगळी बाता आदी-अधुरी समजा हां जंय्यां धुँधळा सिसा म चिजा दिखै। पण बो टेम आसी जद आपा परमेसरनै आमै-सामै देखस्यां। हाल म जोक्यु जाणू हूँ बो अधुरो ह पण बि टेम म सक्यु सूल जाणस्युं जंय्यां परमेसर मनै जाणै ह।
अर देखबा क पाछै बठैऊँ चल्यो जावै ह अर तावळोई भूल जावै ह क बो कंय्यां को दिखै ह।