थे केद म पड़्या मिनखा का दुख म दुखी होया, अर थे आ जा'णर क थारै कनै अंय्यां की धन-दोलत ह जखी चोखी अर सदाई रेह्बाळी ह, राजी-राजी थारी धन-दोलत जब्त होबा दि।
थारो बिस्वास परमेसर क सामै बलि अर याजक की सेवा जंय्यां को ह अर इ बलि प ज मेरो लोय बी चढाणो पड़ै जणा म इ बात ताँई राजी हूँ अर आ खुसी म था सगळा क सागै बाटर्यो हूँ।