परमेसर थानै एक सागै एकई काया म स्यांतीऊँ रेह्बा ताँई बुलायो ह, जणा इब थे मसी जखी स्यांती थानै दि ह बिनै थारा हिया म राज करबा द्यो। अर परमेसर को धनेवाद करता रह्यो।
म्हें इ ताँई बी थारै ताँई परमेसर को धनेवाद करता कोनी रूकां, क जद म्हें थानै परमेसर को चोखो समचार सुणायो हो जणा थे इनै मिनखा कानि को कोनी जाण्या पण परमेसर को जा'णर इनै मान्या अर सच बी ओई ह, इ बजेऊँ परमेसर थारै म जखा बिस्वास करो हो काम करै ह।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, ध्यानऊँ सुणो, के ईस्बर बानै कोनी टाळ्यो जखा इ जगत का मिनखा की नजर्या म गरीब ह? जिऊँ बे बिस्वास म अमीर होज्यावै अर बि राज का अधिकारी बणै जिनै परमेसर बिऊँ परेम करबाळानै देबा को बादो कर्यो ह।
ओ मेरा लाडला बिस्वास्यो, सऊँ बडी बात तो आ ह क, थे नइ तो ईस्बर नगरी अर धरती की अर नइ कोई ओर ख्याकी सोगन खाज्यो। थारी बात “हाँ” अर “नइ” मई होणी चाए जिऊँ परमेसर को दंड थार प नइ आवै।