क्युं क थे नयो जीवन पाया हो। अर थारो ओ नयो जीवन मिनखऊँ कोनी आयो जिको अंत होवै ह। पण थारो ओ जीवन परमेसरऊँ आयो ह, जिको कोई अंत कोनी। क्युं क थे परमेसर का बचन प बिस्वास कर्या, जखो सदा-सदाई बण्यो रेह्वै ह।
परमेसर अर आपणा परबु ईसु मसी का परम-पिता की जे हो। क्युं क परमेसर आपणा प बडी दया दिखाई जणाई बो मसीनै मरेड़ा मऊँ जीवार आपानै नया जीवन की आस ताँई ओज्यु जीवायो ह।
थे परमेसर का पेलीपोत की बिस्वासी मंडळी कनै आग्या हो जाका ईस्बर नगरी म नाम दरज हीं। थे बि परमेसर क कनै आग्या हो जखो सगळा को न्याय करै ह। अर धरम्या की आत्मा कनै आग्या हो जखा सिद बणग्या हीं,