जखा मिनख इ दुनिया म पिसाळा हीं बानै आदेस दे बे इपै गुमान नइ करै, पण बाकी आस, नास होबाळा धन की बजाय परमेसर म हो, जखो आपानै आपणा सुक ताँई सगळी चिजा देवै ह।
पण थे तो अत्तोबी कोनी जाणो क काल थारै जीवन क सागै काँई होसी? काँई ह थारो जीवन? थे तो ओस की जंय्यां हो जखी क्युंक देर रेह्वै ह अर पाछै गायब होज्यावै ह।
अर म आ बातानैई नइ पण सगळी बातानै मेरा परबु मसी ईसुनै जाणबा की बडी बात क सामै घाटा की समजूँ हूँ। अर मसी ताँई म आनै कुड़ो-करकट जा'णर बगा दिओ जिऊँ म मसीनै पाऊँ