थे तो मसी क सागै मरेड़ा हो अर थानै जगत प राज करबाळी आत्मा क कनैऊँ छुडायड़ो ह। जणा पाछै थे आ जगत का मिनखा की जंय्यां क्याले जीओ हो? थे जगत का अंय्यांलका नियमानै क्याले मानो हो?
नेम-कायदा तो आबाळी चोखी बाता की छाया ह। पण ओ बाको असली रूप कोनी ह। इ ताँई चढावा की चिजानै चढावा क रूप म हर बरस चढायो जातो हो जखी परमेसर क कनै आबाळा मिनखानै कदैई सिद कोनी कर सकै।
पण इब थे परमेसरनै पिछाण लिआ हो अर परमेसर थानै पिछाणै ह। जणा इब थे जगत की बाता कानि जामै दमहाळी बात कोनी अर जखी बेफालतू की ह, ओज्यु बाका गुलाम क्यु होबा जार्या हो?